हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। जयगुरुदेव आश्रम में चल रहे वार्षिक भंडारा सत्संग मेला के तीसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होने पहुंचे। राष्ट्रीय उपदेशक बाबूराम और सतीश चंद्र ने कर्म विज्ञान, अच्छे समाज और संतों की महिमा पर प्रकाश डाला। बाबूराम ने कहा कि संसार में संतों के मिलन के समान कोई दूसरा सुख नहीं है। क्योंकि संतों का मिलना बहुत ही कठिन है। यदि वे मिल जाएंगे तो जीव का प्रारब्ध अपने घर सतलोक जाने का बन जाएगा। उन्होंने कहा कि मनुष्य को कर्म करने का अधिकार मिला हुआ है। कर्मों का कानून बहुत ही जटिल है। इसको बुद्धि के बल से नहीं समझा जा सकता। कर्म का फल सबको भोगना पड़ता है। राम और कृष्ण जैसी अवतारी शक्तियों को कर्मों का बदला देना पड़ा। कर्मों की माफी कराने का अधिकार केवल संतों के पास है। सतीश चंद्र ने कहा कि आप इतनी गर्मी में यहां इस उद्देश्य से आए हुए हैं कि लौकिक और पार लौकिक दोनों फायदा प्राप्त हो जाए। जब तक संसार में जिंदा रहें, जीवन सुख और शांति से बीत जाए तथा शरीर छूटने के बाद अपने निज घर सतलोक पहुंच जाए। पंकज महाराज अच्छे समाज के निर्माण और आध्यात्मिक शिक्षा के प्रचार-प्रसार में रात-दिन लगे हैं। निरंतर धर्म यात्राएं निकाल रहे हैं। लोगों के घरों में जा रहे हैं। प्रभु प्राप्ति का रास्ता सबको बता रहे हैं।
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Author: Vijay Singhal
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