हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। भगवान श्री कृष्ण की नगरी नंदगांव का वातावरण शुक्रवार की रात और भी अनुपम हो गया, जब रोहतक (हरियाणा) की इन्दुलेखा उर्फ ज्योति ने कान्हा के घर नंदबाबा मंदिर में करवा चौथ का व्रत रखा। इन्दुलेखा वही हैं जिन्होंने इसी वर्ष 15 फरवरी को ठाकुर बांकेबिहारीजी को अपना पति मानकर विवाह किया था। जन्माष्टमी पर जहां नंदगांव में उन्होंने ठाकुरजी का जन्मोत्सव पति रूप में मनाया था, वहीं करवा चौथ के अवसर पर उन्होंने पति बांकेबिहारीजी की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखा। सुबह से ही इन्दुलेखा ने निर्जला उपवास का संकल्प लिया। उन्होंने दिन भर ठाकुरजी के भजन-कीर्तन में समय बिताया और कान्हा के गांव नंदगांव में नंदबाबा मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की। चांद निकलने की बेला में उन्होंने ठाकुर बांकेबिहारीजी की प्रतिमा के सामने दीप जलाया, चंद्रमा को अर्घ्य दिया और फिर अपने ‘पति’ ठाकुरजी के दर्शन कर व्रत खोला। इन्दुलेखा ने कहा, यह कोई सांसारिक बंधन नहीं, आत्मा का मिलन है। मेरे लिए करवा चौथ का अर्थ प्रभु के चरणों में समर्पण है। जिस दिन मैंने ठाकुरजी को अपना पति माना, उसी दिन से मेरा हर पर्व उन्हीं के नाम है। उनका यह भावुक समर्पण देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तों ने इसे आधुनिक मीराबाई का प्रेम बताया। ब्रज की रज, यमुना की लहरें और करवा चौथ की चांदनी में इन्दुलेखा का यह अनूठा व्रत दृश्य भक्ति, प्रेम और समर्पण का अद्भुत संगम बन गया।
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Author: Vijay Singhal
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