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जिला महिला अस्पताल में आग से सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी

ByVijay Singhal

Nov 17, 2024
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हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। जिला महिला अस्पताल में आग से सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। अस्पताल के एसएनसीयू (स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट) में उपचार लेने वाले नवजात शिशुओं की सुरक्षा मात्र तीन आग बुझाने के सिलिंडर पर निर्भर है, जिसे चलना अस्पताल के कर्मचारियों पर नहीं आता है। झांसी के मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष में लगी आग के बाद सीएमओ के निर्देश पर दो सदस्यीय टीम, जिसमें डॉ. आलोक व डॉ. भूदेव सिंह जिला महिला अस्पताल में आग से सुरक्षा की जांच करने पहुंचे। शहर के जिला महिला अस्पताल के सामान्य तौर पर 68 बेड पर प्रतिदिन 45 से अधिक महिलाएं भर्ती रहती हैं। इनमें अधिकांश महिलाएं गर्भवती होती हैं। अस्पताल के प्रथम तल पर आठ वर्ष पहले यूनीसेफ की पहल पर बनाए गए एसएनसीयू वार्ड में सामान्य तौर पर प्रतिदिन 18 नवजात शिशु उपचार के लिए वार्मर मशीन और सामान्य तौर पर उपचार के लिए भर्ती रहते हैं। इसके अलावा डॉक्टर सहित सौ से अधिक स्टाफ रहता है, लेकिन अस्पताल में आग लगने पर सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी हैं। यहां आग से सुरक्षा के नाम पर मात्र जगह-जगह 30 आग बुझाने के सिलिंडर (फायर एक्सटिंग्विशर) लगे हैं, लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों पर सही तरीके से इन सिलिंडरों का आग बुझाने में उपयोग करने का तरीका नहीं मालूम। अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष में शनिवार को 10 नवजात शिशु उपचार के लिए भर्ती पाए गए। कक्ष में पांच एसी और नवजात शिशुओं को अनुकूल तापमान देने के लिए वार्मर लगे हैं, जो कि बिजली से संचालित होते हैं। आग लगने की स्थिति में कक्ष में एक संकरा और छोटा गेट है। इसमें केवल नवजात बच्चे को लेकर एक ही व्यक्ति निकल सकता है। आग लगने की घटना होने की स्थिति में एक साथ बच्चों को वहां से निकलना संभव नहीं है। कक्ष की प्रभारी वंदना राठौर ने बताया कि आग से सुरक्षा के लिए गेट पर तीन अग्निशमन सिलिंडर लगे हैं। इसके अलावा पावर की आपूर्ति के लिए कक्ष से बाहर की व्यवस्था की गई है। इससे यहां किसी तरह का खतरा नहीं है। अस्पताल में नवजात बच्चों और गर्भवती महिलाओं के साथ स्टाफ के जीवन को आगे से बचाव के लिए सिर्फ 30 सिलिंडर हैं। अग्निशमन यंत्र न लगे होने से खतरा बना है। जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅक्टर शोभावती ने बताया कि अस्पताल में आग पर काबू पाने के लिए 30 से अधिक फायर एक्सटिंग्विशर लगे हैं। अस्पताल में फायर सेफ्टी सिस्टम लगाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
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Vijay Singhal
Author: Vijay Singhal

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