हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा जिले के सुरीर में करवाचौथ न मनाने के पीछे एक कहानी है। करीब डेढ़ सौ वर्ष पहले गाव रामनगला (नौहझील) का युवक अपनी पत्नी को ससुराल से गौने की विदा कराकर सुरीर के रास्ते भैंसा-बुग्गी से गांव लौट रहा था। तभी सुरीर में कुछ लोगों ने भैंसा-बुग्गी रोक ली और बुग्गी में लगा भैंसा अपना बताते हुए विवाद खड़ा कर दिया। झगड़ा इतना हुआ कि इस विवाद में युवक की हत्या हो गई। अपने सामने पति की मौत से कुपित नव विवाहिता मुहल्ले के लोगों को श्राप देते हुए सती हो गई। इस घटना के बाद मुहल्ले में अनहोनी शुरू होने लगी। इसे सती का श्राप कहें या बिलखती पत्नी के कोप कहर, यहां कई नव विवाहिताएं विधवा हो गईं। इसे देखते हुए बुजुर्गेां ने इसे सती का श्राप मान लिया और गलती के लिए क्षमा मांगी। तभी से यहां की कोई महिला करवा चौथ मनाना तो दूर, इस दिन पूरा श्रृंगार भी नहीं करती है। घटना के बाद से गांव रामनगला के ग्रामीण सुरीर में खाना तो दूर, पानी तक नहीं पीते है।
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Author: Vijay Singhal
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