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मथुरा में सी बी एस सी बोर्ड के क्षेत्रीय सम्मेलन में शिक्षाविद् बोले- असली स्वरूप को समझना होगा

ByVijay Singhal

Dec 18, 2022
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हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन को लेकर  वृंदावन में सीबीएसई बोर्ड द्वारा क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में ब्रज क्षेत्र के सीबीएसई बोर्ड के 500 विद्यालयों के प्रधानाचार्य उपस्थित रहे। सम्मेलन का शुभारंभ सीबीएसई बोर्ड के सचिव ने किया। इस सम्मेलन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को किस प्रकार से शिक्षण संस्थान में क्रियान्वित किया जाएगा इस पर चर्चा की गई।राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को क्रियान्वित करने के लिए एक सेमिनार का आयोजन वृंदावन में स्थित हनुमान प्रसाद धानुका सरस्वती बालिका विद्या मंदिर में किया गया। सेमिनार में शामिल होने आए अतिथि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव अनुराग त्रिपाठी व विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के राष्ट्रीय मंत्री शिव कुमार का स्वागत विद्यालय की छात्राओं ने ढोल बजाकर किया। विद्यालय की छात्राओं ने एक सुर ताल में ढोल और पाइप लाइन बैंड बजाकर अतिथियों का स्वागत किया तो अतिथि गदगद हो गए। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड नई दिल्ली के तत्वावधान में शनिवार की देर शाम हनुमान प्रसाद धानुका सरस्वती बालिका विद्या मंदिर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में आयोजित सेमिनार का शुभारंभ मां सरस्वती, मां भारती और ओम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ। अतिथियों ने पहले दीप प्रज्वलन किया उसके बाद माल्यार्पण किया। दीप प्रज्वलन के बाद अतिथियों का पटका पहनाकर और नारियल दे कर सम्मान किया गया।कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने हनुमान प्रसाद धानुका सरस्वती बालिका विद्या मंदिर के 25 वर्ष पूरे होने पर एक पुस्तिका का विमोचन किया गया। विद्यालय के पच्चीस वर्षों की अथक विकास यात्रा व उपलब्धियों की शब्द बद्ध रूप रजत आश्रुति स्मारिका का विमोचन किया। इसके बाद विद्यालय की प्रधानाचार्य अंजू सूद और प्रबंधक विश्वनाथ गुप्ता ने अतिथियों का परिचय कराया। सेमिनार में शामिल होने आए मुख्य अतिथि सीबीएसई बोर्ड के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने अपने वक्तव्य में बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में शैक्षणिक सुधारों को लागू करते हुए सभी प्रधानाचार्य व अध्यापकों को एक्सपीरिएंसियल लर्निंग पेडागॉजी(अनुभव परक शिक्षा) को अपनाना अनिवार्य करना होगा। इसके तहत रोट लर्निंग की जगह, कला एकीकृत लर्निंग, खेल एकीकृत लर्निंग, स्वास्थ्य, विषय, पर्यावरण व जीवन एकीकृत पेडागोजी का प्रयोग करना होगा। मल्टीमोड असेसमेंट पर ध्यान देना होगा। विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के राष्ट्रीय मंत्री शिव कुमार ने बताया कि शिक्षा के वास्तविक स्वरूप को समझे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति आदर्श बालक बालिका के स्वरूप जो शैक्षिक धरातल पर सशक्त हो ऐसी संकल्पना को लेकर चलती है।शिक्षा का मापदंड धन एकीकृत करना नहीं है।इस सम्मेलन में मथुरा जिले के प्रधानाचार्य,शिक्षक व प्रबंध समिति से पद्मनाभ गोस्वामी,रेखा माहेश्वरी,विश्वनाथ गुप्ता,उमेश शर्मा व विद्यालय की प्रधानाचार्य अंजू सूद उपस्थित रहीं।
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Vijay Singhal
Author: Vijay Singhal

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