हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। वृंदावन में चैतन्य प्रेम संस्थान एवं व्यंजना आर्ट एंड कल्चर सोसायटी प्रयागराज की ओर से संत मीरा विषयक 2 दिवसीय संगोष्ठी कराई गई। इसका शुभारंभ मुख्य अतिथि पद्मभूषण राज्यसभा सदस्य डाॅ. सोनल मानसिंह ने किया। मुख्य अतिथि ने कहा कि लोक परंपरा में मीरा के जो पद संकलित हैं, वे अप्रतिम भाव से हमें जोड़ते हैं। हम उनके पद गाते हैं तो वृंदावन हमारे सामने उपस्थित हो जाता है। उनके पदों में अध्यात्म और स्वानुभूति भरी हैं, उस पर ढेर सारी किताबें लिखी जा सकती हैं।

आचार्य श्रीवत्स गोस्वामी ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति निरंतर गतिशील है और उसमें ब्रज संस्कृति की भव्यता के क्या कहने। मीरा इस भव्य संस्कृति की प्रतीक हैं। इससे डा. मधुरानी शुक्ला एवं शांभवी शुक्ला की पुस्तक अनहद बाजै री का विमोचन डा. सोनल मानसिंह, आचार्य श्रीवत्स गोस्वामी, पद्मश्री स्वामी जीसीडी भारती, पद्मश्री विद्या बिंदु सिंह द्वारा किया गया। विशाल कृष्णा, डा. रामशंकर, प्रो. बांसवी मुखर्जी, डा. नम्रता मिश्रा, डा. सुजीत घोष, डा. विधि नागर, राजस्थान विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने प्रस्तुति दी।इस अवसर पर वहीं डा. अच्युतलाल भट्ट, डा. धनंजय चोपड़ा, प्रद्युम्न प्रताप, पद्मश्री गीता महालिक, प्रो. दीप्ति ओमचेरी भल्ला, पद्मश्री मोहनस्वरूप भाटिया, विजयशंकर मिश्र, डा. राजेंद्र कृष्ण अग्रवाल, डा. निष्ठा शर्मा, डा. सुरेंद्र कुमार, आदित्यनाथ तिवारी आदि उपस्थित थे।
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Author: Vijay Singhal
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