हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
वृन्दावन।रमणरेती क्षेत्र स्थित फोगला आश्रम में द भागवत मिशन फाउंडेशन के द्वारा चल रहे अष्टदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ एवं श्रीगुरु पूर्णिमा महोत्सव के सातवें दिन व्यासपीठ से श्रीहरिदासी वैष्णव संप्रदायाचार्य विश्वविख्यात भागवत प्रवक्ता आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज ने सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को सुदामा चरित्र, दत्तात्रेय महाराज के द्वारा बनाए गए 24 गुरुओं का प्रसंग एवं परीक्षित मोक्ष की कथा श्रवण कराई।
व्यासपीठ पर आसीन आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज ने कहा कि मानव जीवन में सत्संग का बड़ा ही महत्व है। भागवत रूपी नौका में बैठकर जो भी प्राणी सत्संग का आश्रय लेता है, वो निश्चित ही संसार रूपी भवसागर से पार हो जाता है।इसके श्रवण मात्र से मानव के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।भगवान की भक्ति से ही जीव का कल्याण होता है।साथ ही जन्म व मृत्यु के भय का नाश हो जाता है।
पूज्य महाराजश्री ने सुदामा चरित्र की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि कलयुग में भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी मित्रता अत्यंत दुर्लभ है।ब्रह्मज्ञानी सुदामा ने दरिद्रता की सीमा पर जीवन व्यतीत करते हुए भी परब्रह्म परमात्मा से कुछ भी नहीं मांगा।परन्तु मित्रता निभाते हुए श्रीकृष्ण ने उन्हें तीनों लोक सौंप दिए।यही सच्ची मित्रता की पराकाष्ठा है।
महोत्सव के अंतर्गत सायं को फूलों की भव्य होली खेली गई।साथ ही होली के भजनों और रसियाओं का संगीतमय गायन किया गया।जिन पर देश-विदेश से आए असंख्य भक्तों-श्रृद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया।
मीडिया प्रभारी डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने बताया कि महोत्सव के अंतर्गत 21 जुलाई 2024 को प्रातः 9 बजे श्रीगुरु पूर्णिमा महोत्सव एवं पूज्य आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज का जन्म महोत्सव अत्यन्त हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ मनाया जायेगा।जिसके अंतर्गत देश-विदेश से आए असंख्य भक्त-श्रृद्धालु पूज्य गुरुदेव महाराज का पूजन करेंगे।तत्पश्चात श्रीहरिदासी वैष्णव संप्रदायाचार्य विश्वविख्यात भागवत प्रवक्ता आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज एवं आचार्य गोस्वामी गौरव कृष्ण महाराज सभी शिष्यों को दीक्षा देंगे।
इस अवसर पर प्रमुख समाजसेवी दासबिहारी अग्रवाल, पण्डित किशोर कुमार शर्मा, पंडित उमाशंकर, अंजली गुप्ता, डॉ. राधाकांत शर्मा, पंडित रवीन्द्र, अमित पाठक आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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Author: Vijay Singhal
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