हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। व्रन्दावन में हिंदू राष्ट्र की मांग और सनातन एकता पदयात्रा के लिए बुधवार को बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री श्रीजी बाबा स्कूल में आयोजित अक्षत महोत्सव में पहुंचे। उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र बनाना है तो सबको जात-पात से ऊपर उठकर एक साथ आना होगा, वरना देश विरोधी ताकतें उन्हें अलग-अलग कर देंगी। कान्हा की धरती से उन्होंने ऐलान किया अयोध्या में रामलला आ गए हैं। त्रेता युग तो हो गया है (यानी अयोध्या में राममंदिर बन गया)। अब द्वापर युग की बारी है। कृष्णलला को लाएंगे माखन मिश्री खाएंगे। बागेश्वर धाम सरकार के धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वे सात संकल्पों को लेकर 7 नवंबर से दिल्ली से पदयात्रा निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह उनके जीवन की दूसरी पदयात्रा है, जोकि दिल्ली के कात्यायनी देवी मंदिर से शुरू होगी और ब्रज की धरती वृंदावन के श्रीबांकेबिहारी मंदिर पर पहुंचकर 16 नवंबर को समाप्त होगी। बिना किसी का नाम लिए उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उनके पाले में एक पर वार करो तो 500 खड़े हो जाते हैं, लेकिन हमारे यहां किसी एक पर वार होता है तो सब पीछे हट जाते हैं। उन्होंने कहा कि हम लव जिहाद नहीं चाहते। हिंदू बहन-बेटियों की सुरक्षा चाहते हैं। इसके लिए सभी जातियों के लोगों को एक साथ रहना होगा। शास्त्री बोले कि मैं कोई नेता नहीं हूं और न ही नेता बनना चाहता हूं। मैं तो साधु-संतों के साथ चलता हूं। मेरी पदयात्रा में ब्रजवासी और साधु संत होंगे। उनके पदचिह्नों पर मैं चलूंगा। ब्रज तीर्थ देवालय न्यास और ब्रज सेवा फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित अक्षत महोत्सव में चार हजार से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी। सनातन पदयात्रा के आमंत्रण अक्षत के साथ घर-घर वितरित किए जाएंगे। बागेश्वर धाम सरकार ने अक्षत वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। आयोजक रमाकांत गोस्वामी, मृदुलकांत शास्त्री, आरके पांडे, राहुल बंसल और जिला पंचायत अध्यक्ष किशन चौधरी ने बताया कि सनातन एकता पदयात्रा के अक्षत 2500 गांवों तक जाएंगे। समाज के सभी प्रमुखों को और साधु-संतों को महाराज धीरेंद्र शास्त्री ने अपने हाथों से अक्षत (पीले चावल) वितरित किए हैं। पदयात्रा में पांच लाख लोगों की भीड़ जुटेगी। दूसरी ओर, अक्षत महोत्सव में मथुरा के अलावा आसपास के जिलों से भी श्रद्धालु बागेश्वर बाबा को सुनने और देखने आए। दोपहर 12 बजे से ही कतार लगना शुरू हो गई थीं। बाबा शाम 4:45 बजे पहुंचे तो पंडाल बागेश्वर धाम बाबा के जयकारों से गूंज उठा।
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Author: Vijay Singhal
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