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शरद पूर्णिमा : वृंदावन में सेवायत की मनमानी के आगे श्रद्धालु नहीं कर पाए बिहारी जी की श्रृंगार आरती

ByVijay Singhal

Oct 29, 2023
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हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल

मथुरा। वृंदावन में श्रीधाम वृंदावन में विश्व प्रसिद्ध ठाकुर श्री बांके बिहारी मंदिर मंदिर प्रबंधन एवं सेवायतो का जंग का अखाड़ा बनता जा रहा है। ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में शरद पूर्णिमा पर मंदिर के सेवायतो की मनमानी के चलते भक्तों को दर्शन के लिए काफी इंतजार करना पड़ा। मंदिर प्रशासक सिविल जज जूनियर डिवीजन ने जगमोहन में आराध्य को विराजित करने के आदेश दिए थे लेकिन सुबह 7:45 पर मंदिर के पट खुलने के साथ ही श्रृंगार सेवा अधिकारी ने गर्भ गृह में ही आरती कर दी। इधर मंदिर प्रबंधन ने जगनमोहन ने सिंहासन रखवा दिया था। ऐसे में भक्तों को अपने आराध्य के दर्शन नहीं हो सके। वही जब करीब आठ बजे के बाद सेवा बदली तब जाकर ठाकुर बांके बिहारी लाल को जगमोहन में विराजित कराया गया। इससे मंदिर के अंदर की व्यवस्था बिगड़ गई। शरद पूर्णिमा पर हर वर्ष ठाकुर बांके बिहारी लाल को जगमोहन पर विराजमान कराया जाता है । सुबह 7:45 बजे मंदिर के पट खुल गए। इससे पहले ही मंदिर प्रबंधन ने गर्भ ग्रह के आराध्य के लिए सिंहासन रखवा दिया था लेकिन सेवा अधिकारी ने उन्हें बाहर नहीं निकाला और गर्भ ग्रह में ही श्रृंगार आरती कर दी। इस दौरान मंदिर में हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़े। गर्भ ग्रह के बाहर विशाल सिंहासन रखा होने के कारण श्रद्धालुओं को अपने आराध्य के दर्शन नहीं हो सके। आराध्य को जगमोहन में विराजित न करने की खबर पर पुलिस और मंदिर प्रबंधक के लोग मंदिर पहुंचे। वहीं जब 8 बजे सेवा अधिकारियों की सेवा बदली तब पर्दा डालकर ठाकुर जी को जगमोहन में विराजित कराया गया। इस दौरान 20 मिनट और लग गए। सुबह करीब 35 मिनट तक श्रद्धालुओं को दर्शन नहीं हो सके।

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Vijay Singhal
Author: Vijay Singhal

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