हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। यमुना की स्वच्छता के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद उसकी दुर्दशा होने का आरोप तीर्थ पुरोहित महासंघ ने सरकार और प्रशासन पर लगाया है। कहा है कि वह इसकी स्वच्छता को बड़ा आंदोलन करेंगे। महासंघ के पदाधिकारियों ने यमुना का जयसिंहपुरा से गोकुल तक के घाटों का भ्रमण किया। कहा कि कई नाले यमुना में सीधे गिर रहे हैं। मसानी नाला सबसे प्रमुख है। पदाधिकारियों ने बताया कि नमामि गंगे योजना एक विफल योजना साबित हुई है। सरकार द्वारा लाखों-करोड़ों रुपये यमुना के शुद्धिकरण के लिए स्वीकृत किए गए हैं, लेकिन आपस में बंदरबांट किया जा रहा है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण नाले दिख रहे हैं। सरकारी कागजों में सीवेज प्लांट चल रहे है, लेकिन वास्तविकता इससे कोसों दूर है। तीर्थ पुरोहित महासंघ के ब्रज प्रांत अध्यक्ष लालजी भाई शास्त्री ने आक्रोश व्यक्त करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी और कहा कि जल्दी ही ब्रजमंडल की बैठक बुलाकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। पंडित अमित भारद्वाज ने कहा, यह सब प्रशासन की लीपापोती है। दिल्ली से आए मनिकेश चतुर्वेदी ने कहा कि यमुना भक्त यमुना जी की लड़ाई के लिए अपना बलिदान देने को तैयार हैं। ब्रज मंडल महामंत्री यज्ञदत्त चतुर्वेदी ने कहा कि मृत पशु यमुना में पड़े हैं, जानवर नदी में नहा रहे हैं। अजय चतुर्वेदी ने कहा कि बहुत जल्द तीर्थ पुरोहित महासंघ बैठक कर एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगा। नमामि गंगे के ब्रज क्षेत्र के सह संयोजक पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि योगी सरकार द्वारा करोड़ों रुपये शासन और प्रशासन को भेजे जा रहे हैं, लेकिन काम नहीं हो रहा। मसानी ड्रेन ओवरफ्लो होने से आ गंदगी रही है। मसानी नाले के ओवरफ्लो ने एक बार फिर से यमुना में गंदगी बढ़ा दी है। इसे लेकर यमुना भक्तों ने डीएम को ज्ञापन भी दिया है। आरोप लगाया कि वर्तमान में यमुना के करीब एक दर्जन घाटों पर सबसे ज्यादा श्रद्धालु आते हैं। इनमें सबसे ज्यादा प्रमुख विश्राम घाट, राजा घाट, रंगार घाट, दाऊजी घाट और बंगाली घाट आदि हैं, जो दुर्दशा का शिकार हो रहे हैं। माथुर चतुर्वेद परिषद के महामंत्री राकेश तिवारी एडवोकेट ने कहा कि परिषद 20 वर्षों से यमुना मुक्ति आंदोलन को लड़ रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि मथुरा के हर चुनाव में लगभग सभी प्रत्याशी यमुना पूजन कर अपना चुनाव नामांकन करने जाते हैं, सभी प्रत्याशियों को ज्ञापन भी दिए गए थे, लेकिन जीते हुए प्रत्याशी यमुना शुद्धिकरण के लिए कोई कदम नहीं उठाते, तो ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव से पहले फिर से यही मांग उठाई जा रही है। राजेश पाठक ने बृहस्पतिवार को यमुना का प्रदूषित जल डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह को एक कैन में दिया। उन्होंने प्रदूषित जल दिखाकर प्रतीकात्मक रूप से सरकारी कार्यशैली पर विरोध जताया था।
7455095736
Author: Vijay Singhal
100% LikesVS
0% Dislikes
