हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा के रिफाइनरी क्षेत्र स्थित कोयला घाट पर सुबह चार बजे से ही छठ ब्रती का आना शुरू हो गया। सुबह हल्की ठंडक होने के बावजूद महिलाएं पानी में कई घंटों तक खड़ी रहीं। लेकिन आस्था की गरमाहट इस हल्की ठंड पर भारी पड़ गई । लगभग साढ़े तीन घण्टे के इंतजार के बाद छठ व्रती ने भगवान सूर्य देव को अर्घ्य दिया। सोमवार की सुबह सूर्योदय हुआ तो पानी में खड़े श्रद्धालुओं के चेहरों पर भी लालिमा बिखर गई। सूर्य को अर्घ्य दिया गया, फिर कलश और वेदी का विसर्जन कर व्रत पूरा हुआ। आशीर्वाद और प्रसाद का दौर अर्घ्य देने के बाद घाट पर किया गया और बड़ों से आशीर्वाद लेने का सिलसिला शुरू हुआ। महिलाओं ने सूर्य देव और छठी मैया से मनोकामना पूर्ति हेतु प्रार्थना की। छठ व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला अपना ब्रत छठ माता का प्रसाद खा कर पूरा किया। पानी से बाहर निकलकर महिलाओं ने एक-दूसरे की मांग में सिंदूर लगाकर सुहाग देने की परम्परा निभाई। अखण्ड सौभाग्य के लिए लम्बा सिंदूर व्रत पूरा करने के बाद एक-दूसरे को सुहाग देते हुए महिलाओं ने नाक से मांग तक सिंदूर लगा रखा था।
छठ का व्रत करने वाली महिलाओं ने बताया कि पति की दीर्घायु के लिए लम्बा सिंदूर लगाया जाता है। मान्यता है कि जितना लम्बा सिंदूर होगा उतनी ही लम्बी पति की आयु होगी। कार्यक्रम को सफल बनाने में भारतीय सांस्कृतिक समाज के मीडिया प्रभारी शशी भूषण दुबे ने सभी कार्यकर्ता,बाहर से आये सभी श्रद्धालु का धन्यवाद दिया। छठ पूजा के चौथे दिन वृंदावन के यमुना घाटों पर भी आस्था का सैलाब नजर आया। यहां सुबह से ही व्रती यमुना घाटों पर एकत्रित होना शुरू हो गए। व्रतियों ने सूर्य की पहली किरण के निकलते ही अर्घ्य देकर अपना व्रत पूरा किया। नगर के चीर घाट,युगल घाट,केशी घाट आदि घाटों पर सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर लोक परंपरा का यह पर्व आस्था के साथ मनाया गया।
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Author: Vijay Singhal
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