हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। कृषि कार्य और उपकरण खरीद के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) पर लिए ऋण को लौटाने में किसान उदासीन हैं। जिले में 2.55 लाख किसानों को 28 सरकारी, अर्द्धसरकारी और निजी बैंकों ने 4844 करोड़ रुपये का ऋण दिया। इनमें से डेढ़ लाख किसानों ने ऋण नहीं लौटाया।
कृषि विभाग ने सभी बैंकों से बकाएदार किसानों की सूची मांगी है। इसके बाद नोटिस देकर भूमि नीलामी की प्रक्रिया शुरू होगी।सरकार ने किसानों को केसीसी की सुविधा दी है। इसी के तहत पिछले पांच वर्षों में किसानों को कृषि कार्य के लिए ऋण दिया गया है। 2.55 लाख में से केवल एक लाख किसानों ने ही ऋण लौटाया है। ऋण अदायगी लगभग 40 प्रतिशत है। केसीसी ऋण पर 13 से 18 प्रतिशत तक वार्षिक ब्याज निर्धारित है। किसानों की भूमि बैंक द्वारा बंधक रखी जाती है। पांच वर्षों में आधे से अधिक ऋण वापस न आने पर कृषि विभाग ऐसे किसानों की सूची तैयार कर रहा है, जिन्होंने एक भी किस्त नहीं चुकाई है। ऋण अदायगी नहीं करने वाले किसानों को नोटिस दिए जाने के बाद उनकी भूमि नीलामी की भी तैयारी है। उप निदेशक कृषि वसंत कुमार दुबे का कहना है कि बैंकों से ऋण अदायगी की नवीनतम सूचना मांगी गई है। जानकारी मिलने के बाद बकाया धनराशि का आंकलन किया जाएगा। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर ऋण वसूली की कार्रवाई की जाएगी। कृषि विभाग ने करीब 15 दिन पहले केसीसी ऋण के बकाएदारों की सूचना अग्रणी जिला प्रबंधक (एलडीएम) के माध्यम से मांगी थी। तीन-चार बैंकों को छोड़कर शेष बैंकों ने संबंधित सूचना ही नहीं दी। सभी बैंकों की ओर से सूचना मिलने पर ही ऋण वसूली की प्रक्रिया शुरू होगी।
7455095736

Author: Vijay Singhal
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