हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। प्रतिबंध के बाद भी ग्रामीण अंचल में पराली जलाने की घटनाएं नहीं थम रही हैं। जिलाधिकारी ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में लापरवाही बरतने पर छाता के बुखरारी के ग्राम विकास अधिकारी नीरज कुमार और कृषि विभाग के प्राविधिक सहायक नरेंंद्रपाल सिंह को निलंबित कर दिया। चार किसानों पर जुर्माना भी लगाया है। डीएम ने गांवों में जाकर किसानों को जागरूक भी किया। 20 अक्तूबर को सेटेलाइट के माध्यम से ग्राम पंचायत बुखरारी में पराली में आग लगने की दो घटनाओं की सूचना मिली थी। इस संबंध में एसडीएम छाता ने भी रिपोर्ट दी थी। जब राजस्व निरीक्षक और लेखपाल ने स्थलीय निरीक्षण किया तो वीडीओ नीरज कुमार उपस्थित नहीं मिले। इस पर डीएम चंद्रप्रकाश सिंह ने वीडीओ के निलंबन के आदेश दिए हैं। कार्रवाई के बाद डीडीओ ने वीडीओ छाता को कार्यमुक्त कर उनका चार्ज किसी अन्य को सौंपने का निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह ने संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि पराली की घटनाओं पर विशेष निगरानी करें, अगर किसी ने लापरवाही बरती तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। दूसरी ओर, उपनिदेशक कृषि वसंत कुमार दुबे ने ग्राम पंचायत भरनाखुर्द, चौमुहां में पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश नहीं लगा पाने पर विभाग के प्राविधिक सहायक नरेंद्रपाल सिंह को निलंबित करने के आदेश किए हैं। वहीं, खेतों में पराली जलाने पर एसडीएम सदर अभिनव जे जैन ने चार किसानों पर जुर्माना लगाया। शुक्रवार को भरनाखुर्द के लेखपाल पवन कुमार को भी पराली जलाने की घटनाओं को नहीं रोक पाने के कारण एसडीएम गोवर्धन प्राजक्ता त्रिपाठी ने निलंबित कर दिया था। एसडीएम सदर जितेंद्र सिंह ने मथुरा के गांव तोष, जिखनगांव, जचौंदा आदि गांवों में किसानों को पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण के संबंध में जानकारी दी। इसके अलावा गांव राल, ओल, धाना जीवना, थिरावली व सरूरपुर में किसानों द्वारा पराली जलाए जाने की सूचना मिलने पर आग बुझवाकर अवशेष को गोशाला में भिजवाया गया। पराली न जलाएं, भूमि की उर्वरता कम होती है।
7455095736
Author: Vijay Singhal
50% LikesVS
50% Dislikes
