हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। बलदेव-खंदौली रोड स्थित टेढ़े-मेढ़े बाबा आश्रम, हथकोली में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव के समापन पर व्यासपीठ पर विराजमान भागवत प्रवक्ता मोहिनी कृष्णदासी को ग्रामीणों ने एवं विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया। भक्तों ने उन्हें चुनरी उड़ाई और प्रशस्ति-पत्र भेंट किये। मोहिनी की प्रसंशा में लिखी कविता मढ़वाकर भेंट की गयी। समापन दिवस पर “ब्रजरस की मोहिनी वाणी” नामक पुस्तक भी विमोचन से पूर्व व्यासपीठ को समर्पित की गयी। यह पुस्तक मोहिनी कृष्णदासी द्वारा व्यास पीठ से कही गयी कथाओं व भजनों के अलावा वृंदावन की महिमा, कथा के महात्म आदि विषयों पर अनीता रानी शर्मा ने लिखी है।
पुस्तक की प्रथम प्रति परीक्षित श्री राम अवतार सिकरवार रामू को समर्पित की गई।
कथा के दौरान मोहिनी कृष्णदासी ने भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गिरिराज पूजन, द्वारका में राज्याभिषेक तथा सुदामा चरित्र लीला का भावपूर्ण वर्णन कर एक सप्ताह तक श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। कृष्ण-सुदामा की मित्रता पर आधारित प्रसंग सुनाते समय अनेक महिला-पुरुष भावविभोर होकर अश्रुपूरित हो उठे। कलश यात्रा के साथ आरंभ हुई कथा प्रतिदिन भक्तिरस से ओतप्रोत रही। मोहिनी कृष्णदासी के भजन और कथा वाचन ने पूरे वातावरण को भक्ति और संगीत के सुरों से भर दिया। गाँव भर में की गई लाउडस्पीकर व्यवस्था के कारण कथा की स्वर-लहरियाँ हर घर तक पहुँचीं।
कथा के अंतिम दिन मोहिनी कृष्णदासी ने परीक्षित राम अवतार सिकरवार सहित दो दर्जन सहयोगी भक्तों को प्रशस्ति-पत्र, भगवान दाऊजी की प्रतिमा और पगड़ी भेंट कर सम्मानित किया। भक्त महाराणा प्रताप सहित अनेक श्रद्धालुओं ने कहा कि “यह क्षेत्र की पहली ऐसी कथा रही जिसमें कथा व्यास ने भागवत के मूल सिद्धांतों के अनुरूप ही वाचन किया; हर शब्द में सत्यता और भक्ति का भाव था।” कथा के समापन पर जब मोहिनी कृष्णदासी, उनके पति शिवम् कीक विदाई पर ग्रामीणों की आँखों में अश्रु थे। मोहिनी कृष्णदासी व उनके पति शिवम ने कहा कि महान संत टेढ़े मेढ़े बाबा की तपोस्थली पर कथा वाचन बहुत सार्थक रहा। कथा आयोजन में सहयोग करने वाले सभी ग्रामीणों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
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Author: Vijay Singhal
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