हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा में रेलवे के लोको पायलट करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन गया। गोपनीय शिकायत पर हुई जांच के बाद चीफ लोको पायलट पर लगे आरोपों को सही मानते हुए उन्हें चार्जशीट दी गई है। रेलवे में चीफ लोको पायलट के पद पर कार्यरत रहते हुए सावन कुमार ने करोड़ों रुपये की सम्पत्ति खरीद ली। इसकी शिकायत जब उच्चाधिकारियों से हुई तो रेलवे सतर्कता विभाग ने जांच की। सतर्कता विभाग ने सावन कुमार से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा। वह सतर्कता विभाग को अर्जित की गई सम्पत्ति के बारे में कोई सही ब्योरा उपलब्ध कराने में नाकामयाब रहे। इस पर वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर/ओपी एवं अनशासिनक प्राधिकारी उत्तर मध्य रेलवे आगरा पवन कुमार जयंत ने सावन कुमार को चार्जशीट दी है, जिसमें कहा गया है कि सावन कुमार सत्यनिष्ठा और कर्त्तव्य पालन में विफल रहे। उन्होंने रेलवे सेवक आचरण नियमावली 1966 के नियमों का उल्लंघन किया है। पीआरओ आगरा रेल मंडल प्रशस्ति श्रीवास्तव ने इस बात की पुष्टि की कि सीएलआई सावन कुमार के खिलाफ सतर्कता विभाग द्वारा जांच की गई थी। इसमें उन्हें चार्जशीट दी गई है। सीएलआई सावन कुमार ने चंद्रपुरी कालोनी मोजा बिरजापुर तहसील व जिला मथुरा में एक आवासीय मकान जो प्लाट नम्बर सी-100 पर बना था, जिसका कुल अच्छादित क्षेत्रफल 162.02 वर्गमीटर था। इस सम्पत्ति की रजिस्ट्री सावन कुमार व उनकी पत्नी के नाम से 1 फरवरी 2011 को हुई थी। इस आवासीय मकान को सावन कुमार द्वारा अप्रैली 2022 में बेच दिया गया। सीएलआई, सावन कुमार ने कहा कि शिकायतकर्ता और मेरा झगड़ा हो गया था। शिकायतकर्ता ने मेरे साथ मारपीट की। मुझे गंभीर चोट आई थी। मैंने उसके ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज कराया था। उसे जेल भेजा गया था। उसने मेरे ऊपर राजीनामा का दबाव बनाया, मैंने मना किया तो उसके द्वारा मेरी झूठी शिकायत की गई। मेरे पास आय से अधिक कोई भी सम्मति नहीं है। मथुरा जंक्शन के मुख्य कार्यालय अधीक्षक अरुण कुमार शर्मा द्वारा रिसीव किए जाने के हस्ताक्षर भी थे। इस पर जब अरुण कुमार से स्पष्टीकरण मांगा गया तो उन्होंने अपने जवाब में कहा कि सावन कुमार ने उन्हें केवल एक पेज का प्रार्थनापत्र दिया था, जिसमें प्रापर्टी खरीदने बेचने का कोई प्रपत्र नहीं था।
Author: Vijay Singhal
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