सीएमओ अजय कुमार वर्मा ने बताया कि टीकाकरण करने का कारण बच्चों को संक्रामक रोग होने की संभावना को कम करना है। इसके अलावा, अधिकांश लोगों के प्रतिरक्षण से समुदाय में संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा कम हो जाता है। इससे व्यक्तियों और समुदाय के स्वास्थ्य की रक्षा होती है।
सर्वे कराने के बाद ही बच्चों का लगेगा टीका
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी(डीआईओ) डॉ. सत्यप्रकाश राठौर ने बताया कि मिजल्स रूबेला विशेष पखवाड़े में टीकाकरण से पहले शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में पांच साल तक के बच्चों की हेड काउन्ट सर्वे की सूची तैयार की जा चुकी है। नियमित टीकाकरण में छूटे हुए बच्चों को चिह्नित किया गया है।
इसके लिए आशा, आंगनबाड़ी, शहरी मोबिलाइजर, लिंक सर्वर आदि की मदद ली गई। यह सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर सर्वेक्षण कर घर संख्या और सर्वे की तिथि को भी अंकित किया। छूटे बच्चों की रिपोर्ट एएनएम के जरिए नोडल अधिकारी को दी गई। शहर में दूर-दराज के जो भी ऐसे क्षेत्र हैं, जहां से लोग नियमित टीकाकरण कराने के लिए नहीं जाते हैं। उनके लिए विभाग विशेष माइक्रो प्लान तैयार किया गया है। पखवाड़े के दौरान कार्यरत सहयोगी संस्था डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ द्वारा सहयोगात्मक पर्यवेक्षण व मॉनिटरिंग की जाएगी l
