हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। इस बार त्योहारों पर अद्भुत खगोलीय उलटफेर है। 27 साल बाद दिवाली पर सूर्य ग्रहण का साया होगा। पहली बार पांच पर्वों की शृंखला टूट जाएगी। दिवाली तो 24 अक्तूबर को हो जाएगी लेकिन अगले दिन होने वाला गोवर्धन पर्व एक दिन आगे यानी 26 अक्तूबर को खिसक गया है। सूर्यग्रहण के कारण दिवाली से अगले दिन कोई पर्व नहीं होगा। वहीं, देव दिवाली पर भी ग्रहण का असर पड़ रहा है। 8 नवंबर को पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। हालांकि विद्वानों ने ग्रहण के मद्देनजर देव दिवाली एक दिन पहले करने का निर्णय लिया है।
ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार सूर्यग्रहण की स्थिति केवल अमावस्या तिथि को ही बनती है। इस बार भी कार्तिक अमावस्या 25 अक्तूबर मंगलवार के दिन सूर्यग्रहण होगा और ये सूर्यग्रहण दिल्ली समेत भारत के अधिकांश सभी क्षेत्रों में देखा जा सकेगा। विशेष रूप से दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में सूर्य ग्रहण बिम्ब 44 प्रतिशत तक ग्रहण से ग्रस्त हुआ दिखेगा। लेकिन सूर्यग्रहण का मोक्ष भारत में नहीं देखा जा सकेगा क्योंकि इससे पहले ही सूर्यास्त हो जाएगा। ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत, भारत ज्ञानभूषण और आचार्य मनीष स्वामी के अनुसार दिवाली पूजन और भैया दूज के पर्व यथावत रहेंगे। दिवाली की मध्यरात्रि के बाद ही सूतक लग जाएगा।
संयोग से 27 साल पहले 24 अक्तूबर 1995 को भी दिवाली पर ही सूर्यग्रहण पड़ा था। यह पूर्ण सूर्यग्रहण था। लेकिन मोक्षकाल के बाद दिवाली हो गई थी और त्योहारों पर ब्रेक नहीं आया था। यह पहली बार होगा, जब पांच पर्व (धनतेरस, नरकचतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन और भैया दूज) में ब्रेक लगा है। पौराणिक मान्यतानुसार ये सभी पर्व एक साथ पड़ते हैं।सूर्य ग्रहण का समय – 25 अक्तूबर को सूर्य ग्रहण वैश्विक पटल पर तो दोपहर 2:29 पर आरम्भ हो जाएगा लेकिन भारत में यह शाम 4 बजकर 29 मिनट से आरम्भ होगा जो शाम 6 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। यानी के भारत में ग्रहण शाम 4:29 से 6:26 तक उपस्थित रहेगा। सूर्यग्रहण की स्थिति में 12 घंटे पहले सूतक (पूजा-पाठ, देव दर्शन, धार्मिक कर्मकांड निषेध) लगता है जबकि चंद्रग्रहण में यह 9 घंटे पहले लगता है। सूर्यग्रहण 25 अक्तूबर को 2.29 से है, इसलिए दिवाली की रात 24/25 अक्तूबर को यह रात्रि 2.30 बजे से लग जाएगा। इससे दिवाली का भोर तक किया जाना वाला निशा पूजन प्रभावित होगा।
ग्रहण का सूतक आरम्भ – प्रातः 4:29 से
ग्रहण आरम्भ – शाम 4:29 से
ग्रहण मध्यकाल शाम 5:30 बजे
ग्रहण समाप्त – शाम 6:26 पर
दिवाली के अगले दिन सूर्यग्रहण के कारण देर रात ही सूतक लग जाएगा। मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे और दिवाली के अगले दिन गोवर्धन का पर्व नहीं मनेगा। 26 अक्टूबर को गोवर्धन का पर्व मनाया जाएगा। गोवर्धन के मुखारविंद मंदिर मथुरा के उपप्रबंधक चंद्र विनोद के अनुसार 26 अक्तूबर को ही गोवर्धनधाम में गोवर्धन की पूजा होगी। मथुरा की ही तरह अन्य स्थानों पर भी इसी दिन पर्व मनाया जाएगा।
