हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। वो लाखों रुपये कमाते थे, लेकिन राशन मुफ्त का खाते थे। ऐसे जिले में 11,849 लोग थे, जो आयकर तो जमा करते थे लेकिन सरकार की मुफ्त राशन योजना का लाभ भी उठा रहे थे। अब आपूर्ति विभाग ने इनके राशन कार्ड निरस्त कर दिए हैं। खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जिले में चार लाख 64 हजार 230 राशन कार्ड धारक हैं। चार लाख 22 हजार 794 पात्र गृहस्थी योजना व 41 हजार 436 अंत्योदय योजना के तहत आते हैं। अंत्योदय कार्ड पर 35 किलो व गृहस्थी कार्ड पर पांच किलो खाद्यान्न दिया जाता है। यूं तो सरकार का उद्देश्य जरूरतमंदाें को इस योजना का लाभ देना था, लेकिन ऐसे भी लोग थे जिनकी जरूरतें लाखों रुपये कमाने के बाद भी पूरी नहीं हो रही थीं। वो अपनी लाखों की कमाई पर आयकर तो भरते थे, लेकिन मुफ्त का राशन लेने में भी पीछे नहीं थे। आयकर विभाग द्वारा आपूर्ति विभाग को आयकरदाताओं की सूची भेजी गई। जिसका आपूर्ति विभाग ने राशन कार्डधारकों की सूची से मिलान किया तो ऐसे 11849 लोग सामने आए। आंकड़ा देख आपूर्ति विभाग के अधिकारी भी चाैंक गए। तत्काल इन लोगों के राशन कार्ड निरस्त कर दिए गए। मालदार आसामियों के साथ आपूर्ति विभाग ने जमींदार किसानों को भी अपने लपेटे में लिया। मुफ्त राशन का लाभ ले रहे 178 ऐसे किसानों के कार्ड भी निरस्त किए गए हैं, जिनके पास दो हेक्टेयर से अधिक जमीन थी। न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत सरकार को इन्होंने अपनी फसल बेची थी, जिसे ये मुफ्त राशन योजना के तहत सरकार से वापस लिए ले रहे थे। सरकारी खरीद के आंकड़े जब आपूर्ति विभाग को मिले तो विभाग ने इनको भी झटका दे दिया। जिला आपूर्ति अधिकारी सतीश मिश्रा ने बताया कि सरकार की मंशा है कि राशन पाने से कोई पात्र छूट न पाए और अपात्रों को इसका लाभ न मिल पाए। इसके लिए लगातार राशन कार्डों का परीक्षण किया जा रहा है। इसके लिए अन्य विभागों से भी सहयोग लिया जा रहा है। अपात्रों के राशन कार्ड निरस्त करने का अभियान आगे भी जारी रहेगा।
7455095736
Author: Vijay Singhal
50% LikesVS
50% Dislikes