हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। वृंदावन के जिला संयुक्त चिकित्सालय में स्थापित आयुष विंग सहित जिले के 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पिछले दो साल से आयुर्वेदिक दवाएं नहीं हैं। इस कारण मरीजों को डॉक्टर के परामर्श से ही काम चलाना पड़ रहा है। केंद्रों पर दवा उपलब्ध न होने से मरीजों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एलोपैथी के साथ ही आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए शासन ने वृंदावन के जिला संयुक्त चिकित्सालय परिसर में आयुष विंग स्थापित किया। इसमें आयुष के डॉक्टर आभा शर्मा और फार्मासिस्ट लक्ष्मण स्वरूप शर्मा तैनात हैं। इस केंद्र पर दो दर्जन से अधिक गांवों से प्रतिदिन 20 से 30 मरीज उपचार के लिए आते हैं। दवाएं न होने के कारण मरीजों की संख्या में भी कमी आ रही है। यहां तैनात डाॅक्टर सहज मिल जाने वाले पेड़, पत्तियों और फल फूलों से बनने वाली दवाओं के बारे में मरीजों को परामर्श दे रहे हैं। जिले की लगभग आठ सीएचसी में भी आयुर्वेदिक दवाओं के न होने पर डॉक्टर और फार्मासिस्ट मरीजों को दवा उपलब्ध नहीं करा पा रहे है। चीफ फार्मासिस्ट शिवकुमार माहौर ने बताया कि पिछले दो साल से बजट न मिलने के कारण आयुर्वेदिक दवाओं की आपूर्ति नहीं हुई है। यह समस्या न सिर्फ मथुरा में बल्कि पूरे प्रदेश में है। इस कारण वृंदावन के जिला संयुक्त चिकित्सालय एवं जिले की आठ सीएचसी में तैनात आयुष विंग के डॉक्टर और फार्मासिस्ट तो तैनात हैं, लेकिन दवाएं नहीं है। इस बार बजट आ गया है। जल्द ही सभी केंद्रों पर दवा उपलब्ध कराई जाएंगी।
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Author: Vijay Singhal
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