हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। करीब दस हजार किसानों ने बीमा कंपनी से फर्जीवाड़ा कर 250 करोड़ की फसल काटी है। एक बार जिन किसानों को बीमा कंपनी से मोटी कमाई का चस्का लगा तो लगता चला गया। साथ में बीमा कंपनी के कुछ कर्मचारी और अधिकारी भी शामिल हो गए। जानकारी होने के बावजूद कृषि विभाग भी चुप्पी साधे रहा। अब मामले के खुलासे के बाद किसानों के साथ रैकेट में शामिल लोगों को भी पसीना आने लगा है। एक लाख से अधिक किसानों में से बीमा कंपनी से बीमा पाने के लिए वही किसान आगे आए जिनका बैंक में केसीसी नहीं हो रखा है। जिनका केसीसी होता है बैंक द्वारा उनका स्वयं ही फसली बीमा कर दिया जाता है। लगभग 22 हजार किसान ऐसे हैं, जिनके द्वारा फसली बीमा कराया गया है। इनमें दस हजार किसानों ने बीमा कंपनी से करीब 250 करोड़ की धनराशि बीमा के रूप में प्राप्त की गई है। किसी किसान की जमीन पर खेती करने के संबंध में बीमा पाने वाले किसान द्वारा एफिडेविट तैयार कराया गया कि वह खेत पर लीज पर खेती करता है। वास्तविक किसान को जानकारी न होने पर भी बीमा कंपनी द्वारा फर्जी एफिडेविट के नाम पर बीमा कर दिया गया। चूंकि जमीन आधार कार्ड से लिंक नहीं है, इसलिए किसानों द्वारा किया गया घोटाला गति पकड़ता गया। बीमा कंपनी के अधिकारी आंकड़ों की भरपाई करते रहे। एक एकड़ जमीन पर करीब 48 हजार रुपये का बीमा मिलता है। खेत के मालिक को भी चस्का लगाया
गलत तरीके से बीमा की फसल काटने वाले किसानों ने असली किसानों को भी फसली बीमा का चस्का लगा दिया। जो बीमा की धनराशि प्राप्त हुई उसमेें से उन किसानों को भी धनराशि दी गई जो असली किसान हैं। इसके बाद असली किसान भी फर्जी फसली बीमा पाने के नये तरीके खोजने लगा।
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Author: Vijay Singhal
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