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मथुरा में दशहरा पर्व पर लंकेश भक्तो ने की महा आरती , रावण के पुतला दहन पर जताया विरोध

ByVijay Singhal

Oct 24, 2023
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हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। महानगर के यमुनापार स्थित शिव मंदिर पर भगवान शिव के परम भक्त शिव तांडव स्त्रोत के रचियता प्रकांड विद्वान महापंडित दशानन की महा आरती की गई। रावण के स्वरूप द्वारा भगवान भोलेनाथ की उपासना की गई। शिव भक्तो के द्वारा रावण के पुतला दहन का विरोध किया गया। मंदिर में जय लंकेश के जय शिव के नारे लगाए गए।
विजय दशमी पर्व पर जहां देश भर में रावण दहन हो रहा है वही लंकेश भक्तो के द्वारा शिव मंदिर पर रावण के स्वरूप की विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। सारस्वत ब्राह्मणों के अलावा अन्य शिव भक्तों ने भी रावण की महा आरती की। रावण के स्वरूप के द्वारा सनातन विधि से भगवान भोलेनाथ की शिव लिंग पर जलाभिषेक किया। रावण के स्वरूप के द्वारा एवम शिव भक्तो के द्वारा भोले नाथ की आरती की गई।वाद में फिर लंकेश भक्तो के द्वारा महाराज दशानन की महा आरती की गई।
लंकेश भक्त मंडल के अध्यक्ष ओमवीर सारस्वत एड. ने इस मौके पर कहा कि रावण प्रकांड विद्वान महापंडित थे। भगवान श्री राम ने लंका पर विजय प्राप्त करने हेतु रावण से भगवान भोलेनाथ की पूजा कराई थी। रावण सीता जी को अशोक वाटिका के अपने साथ लेकर आए थे। भगवान श्री राम ने जब उन्हें अपना आचार्य बनाया था तो अब हमारी समाज के कुछ लोग उनका पुतला दहन करके क्यों अपमान कर रहे है। हिंदू संस्कृति में एक व्यक्ति का एक बार ही अन्तिम संस्कार किया जाता हैं। प्रकांड महा ज्ञानी महात्मा रावण का पुतला दहन बंद होना चाहिए। जिस तरह सती प्रथा बंद हुई है उसी तरह रावण का पुतला दहन भी बंद होना चाहिए। रावण का पुतला दहन एक तरह से ब्राह्मणों के साथ साथ विद्वता का भी अपमान है। इस अवसर पर संजय सारस्वत देवेंद्र वर्मा हरिश्चंद सारस्वत ब्रजेश सारस्वत सुनील सारस्वत एस के सारस्वत, यमुना प्रसाद यादव, चंद्रमोहन सारस्वत देवेंद्र सारस्वत किशन सारस्वत अनिल सारस्वत, अजय सारस्वत कृष्ण गोपाल सारस्वत मुकेश सारस्वत डा देव बालयोगी रजत सारस्वत भूपेंद्र धनगर अरुण भारद्वाज आदि दर्जनों लोग उपस्थित रहे।
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Vijay Singhal
Author: Vijay Singhal

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