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बरसाने की मोर कुटी पे मोर वन आयो रसिया

ByVijay Singhal

Sep 26, 2023
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हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा बरसाना ब्रज मंडल में श्री राधा जन्मोत्सव की धूम मची हुई है। द्वापर युग में *श्री राधा रानी की लीलाओं का साक्षी यह ब्रह्मचल पर्वत* आज भी आनंदित हो रहा है। आज भी यहां प्राचीन बूढी  लीला के अंतर्गत यहां लीलाएं की जा रही है। द्वापर युग में *श्री वृषभानु नंदिनी श्री राधा रानी के मन में मयूर नृत्य देखने की उत्कंठा हुई* उन्होंने अपनी प्रिय सखी ललिता, विशाखा से कहा चलो सखी मोर कुटी चलते हैं सब सखियां मिलकर मोर कुटी विहार करते समय वहां उन्हें मोर नहीं मिले अपनी *प्राणप्रिया श्रीराधा रानी की मन की इच्छा को जानकर श्री कृष्ण ने ही सुंदर दिव्य मोर रूप* धर कर नृत्य करने लगे मोर का अद्भुत नृत्य देख सखियां अचंभित हो जाती हैं मोर का ऐसा नित्य उन्होंने कभी नहीं देखा अद्भुत मोर बिहारी को श्री राधा रानी अपने हाथो से खिलाने लगीं बरसाना ब्रह्मचल पर्वत पर यह स्थान बड़ा ही सुंदर और दर्शनीय स्थल है। हर वर्ष की तरह यहां आज मोर बिहार लीला का आयोजन किया गया मोर कुटी के महंत जयदेव दास ने बताया आज से 5000 वर्ष पूर्व श्री कृष्ण ने मोर बनकर इस स्थान पर लीला की थी जिसे आज कुटी के नाम से जाना जाता है यहां *संतों ने बैठकर अपनी आराध्य श्री लाडली राधा रानी का भजन* किया उन पर राधा रानी की कृपा हुई श्री जी की कृपा के बिना ब्रज में बास करना बड़ा कठिन श्री लाडली की कृपा से ही ब्रज में बस मिलता है यह वह स्थल है यहां श्री कृष्ण भी अपनी सुध भूल जाते हैं श्री कृष्ण कहते है *मेरे मन बसों नित ब्रज ही ब्रज गहबर की कुंजन बैठ राधा गुण गांऊ में। आस सब छोड़ दीनी आस है किशोरी एक ब्रह्माचल बैठे-बैठे राधा गुण गांऊ में।। दानगढ़ मानगढ़ सुंदर विलासगढ़ मोर कुटी छवि देख सुध भूल जाऊं में।कहत कुंवरि कान मेरे मन बसौ ध्याए, बरसाना छोड़ बैकुंठ ना जाऊं में।।* इस ब्रज मंडल में भगवान के चार निज धाम है *ब्रज चौरासी कोस में चार गांव निज धाम वृंदावन और मधुपुरी बरसानो नंदगाम* यह चारों नित्य लीला धाम है।जहां आज भी ठाकुर श्री जी की अद्भुत लीलाएं होती रहती हैं जिसे रसिकन जनों ने अपनी वाणी से गाया ह।
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Vijay Singhal
Author: Vijay Singhal

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