हिदुस्तान 24 टीवी न्यूज चीफ विजय सिंघल
मथुरा। धान की फसल अब पकने जा रही है। खेतों में किसान धान की पराली न जलाएं इसके लिए शासन ने दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसमें 15 हजार रुपये तक जुर्माने के साथ न्याय पंचायत स्तर पर इसकी निगरानी के लिए कमेटी गठन के आदेश दिए हैं। उप कृषि निदेशक रामकुमार माथुर ने कराया है कि मुख्य सचिव ने फसलों के अवशेष जलाए जाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की रोकथाम के निर्देश दिए हैं। इसमें पराली को जलाए जाने से रोकने के लिए जनपद, तहसील एवं विकास खंड स्तर पर सचल दस्ता तथा राजस्व गांव एवं न्याय पंचायत स्तर पर क्षेत्री
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने खेत में फसल अवशेष जलाया जाना दंडनीय अपराध घोषित है। इसमें 2 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 2500 प्रति घटना पर वसूल किया जाएगा। 2 से 5 एकड़ के लिए 5000 प्रति घटना, 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए 15000 प्रति घटना निर्धारित है। इसके साथ ही पराली कटाई के दौरान प्रयोग की जाने वाली कंबाइन हार्वेस्टर सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर अथवा स्ट्रा रेक एवं बेलर या अन्य फसल अवशेष प्रबंध यंत्रों के बगैर चलते हुई मिलने पर उसे सीज किया जाएगा।
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Author: Vijay Singhal
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